संज्ञा–Sangya Kise Kahate Hain|परिभाषा|भेद|उदहारण

हिंदी व्याकरण में “नाउन” यानी संज्ञा हिंदी भाषा का एक अनिवार्य पहलू है, और जो हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। नाउन को ही हिंदी में संज्ञा के नाम से  जाना जाता है। इस संज्ञा के बिना हिंदी व्याकरण या hindi grammar बिलकुल अधूरा है। क्योंकि संज्ञा हमे हर जगह देखने को मिलते हैं। आपको इसी के उदहारण के बने शब्द बार बार उपयोग किया करते हैं, लेकिन बस आपको इतना ध्यान नहीं रहता हर वक्त इसलिए आप उतना कभी ध्यान ही नहीं दे पाते। तो आज आप इस पोस्ट पर जानेंगे इसी संज्ञा के बारे में, संज्ञा किसे कहते हैं?संज्ञा के भेद, उदहारण।

संज्ञा (sangya) हिन्दी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके द्वारा हमें मदद मिलती है चीजों की पहचान करने में। फिर चाहें तो वो कोई स्थान हो, कोई वस्तु हो, कोई भावना हो, या कोई व्यक्ति हो। संज्ञा (sangya) के द्वारा सही विचारधारा और हमें एक समझ मिलती है जिससे हमें यहां काफी कुछ पता चल जाता है। और हम अपनी सही विचारों को व्यक्त करते हैं।

Noun in Hindi Definition, What is Noun in Hindi ? संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण और भेद

संज्ञा की परिभाषा – Sangya Definition in Hindi

संज्ञा (Sangya):- संज्ञा का तात्पर्य किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण व स्वभाव से है, जो हमें संज्ञा की बोध कराते हैं, जिन्हें संज्ञा कहते हैं।
जैसे – मित्र, खट्टा, गाय, प्रेम, भारत।

मित्र – मनुष्य समाज में रहता है, जहां उसके बहुत से रिश्तेदार और मित्र होते हैं। जो हर सुख दुख में साथ देते हैं।

खट्टा – यह एक प्रकार का खाना और उनकी गुण की याद दिलाता है, जो स्वाद है।

गाय – गाय जो हमे दूध और गोबर से खाद देती हैं, जिससे हम अपना पेट भरते हैं।

भारत – यह हमारा एक विशाल देश भारत है, जहां अनेक लोग हैं, उनकी अपनी एक अलग पहचान है। वे देश के अलग अलग कोने में रहते हैं।

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संज्ञा के भेद: Types Of Nouns

संज्ञा पांच प्रकार की होती हैं:

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. समूहवाचक संज्ञा

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा Vyaktivachak Sangya (Personal Noun)

जिसके द्वारा व्यक्ति के नाम उसकी पहचान उसका व्यक्तित्व का ज्ञान हो सके उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे: राम, राधा, मीरा
राम रामायण के एक अहम भूमिका है।
राधा रानी कृष्ण की भक्ति में लीन रहने वाली एक गोपी थी।
मीरा जो एक प्रमुख कृष्ण भक्त थी।

यहां हम उदाहरण में देखते हैं कि यहां अनेक व्यक्ति हैं, जिनकी अपनी एक अलग पहचान है। और हमें यहां उनके अलग अलग गुण और व्यक्तित्व की भी पहचान हो रही है।

2. जातिवाचक संज्ञा Jativachak Sangya (Common Nouns)

जातिवाचक संज्ञा हमारे आसपास की चीजों, पदार्थों, वस्तुओं और स्तिथियों के बारे में जानकारी देते हैं।
जैसे: पेन, केला, नदी, ट्रेन

पेन: लिखने के लिए उपयोग किया करते हैं।
केला: एक फल जो मीठा होता है।
नदी: प्राकृतिक रूप से मिलने वाली पानी को मीठी और ठंडी है।
ट्रेन: लंबी दूरी तय करने के लिए उपयोग किया जाता है।

3. भाववाचक संज्ञा Bhav vachak Sangya (Abstract Nouns)

भाववाचक संज्ञा हमें ऐसे अनुभव प्रदान करती है जिसे कभी देखा नहीं जा सकता पर हम उन्हे अनुभव कर सकते हैं।
जैसे: सुख, प्रेम, खुशी, आदर

सुख: जीवन में एक अनुभव जब आप अच्छा और सुख को महसूस करते हैं।
प्रेम: अपने दिल में एक प्रेम का अनुभव करना।
खुशी: किसी चीज में खुशी मिलना।
आदर: किसी के प्रति आदर की भावना उत्पन्न होना।

4. द्रव्यवाचक संज्ञा Dravya vachak Sangya (Material Nouns)

द्रव्यवाचक संज्ञा के द्वारा हमें हमारे आसपास मौजूद वस्तुओं और पदार्थों का ज्ञान होता है। जिनका हम उपयोग करते हैं।
जैसे: दूध, बेड, रोटी, घड़ी

दूध: दूध पौष्टिक गुणों से भरपूर, गाय से प्राप्त होती है।
बेड: जिसका उपयोग हम आराम करने के लिए करते हैं।
रोटी: रोटी खाकर हम अपना पेट भरते हैं।
घड़ी: जिसका उपयोग समय को जानने के लिए करते हैं।

5. समूहवाचक संज्ञा Samuh vachak Sangya (Collective Nouns)

एक प्रकार का व्यक्तियों और वस्तुओं का समूहों को दर्शाती हो उन्हें हम समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे: सेना, सभा, कक्षा, टोली, झुंड

सेना: जिसमे सैनिकों का एक समूह या सेना की टुकड़ी होती है।
सभा: जब किसी काम के लिए लोग इकट्ठे हो।
कक्षा: विद्यार्थियों की समूह।
पुस्तकालय: एक कमरे या building जहां पुस्तकों के समूह होते हैं।

FAQS

Q. Sangya Kise Kahate Hain?Sangya Ki Paribhasha

संज्ञा का तात्पर्य किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, गुण व स्वभाव से है, जो हमें संज्ञा की बोध कराते हैं, जिन्हें संज्ञा कहते हैं।

Q. Sangya Ke Bhed

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा
4. द्रव्यवाचक संज्ञा
5. समूहवाचक संज्ञा

Q. Jativachak Sangya Kise Kahate Hain?

जातिवाचक संज्ञा हमारे आसपास की चीजों, पदार्थों, वस्तुओं और स्तिथियों के बारे में जानकारी देते हैं।

Q. Bhav vachak Sangya Ke Udaharan

सुख, दुख, क्रोध, प्रेम, बचपन, खुशी, मानवता, अपमान, आदर सम्मान, अपनापन, भूख प्यास।

Q . Sangya Ke Udaharan, Examples of Sangya

भारत, आगरा, दिल्ली, नदी, कुत्ता, बच्चा, प्रेम, सम्मान, सुखी, विद्यालय, दूध, रिया, श्याम, क्लास, सेना, संगीत।

Author: Allinesureya

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