Sangya,Sarvanam,Visheshan|Paribhasha|Bhed|Udhanaran

Sangya, sarvanam visheshan Ki Karibhasha: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के बारे में छोटी क्लास से ही बच्चों के book में होता है, और उन्हें इसके बारे में क्लास 8 में भी पढ़ना होता है। तब तक तो बच्चे इसके बारे में काफी कुछ सीख जाते हैं। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण hindi vyakaran के सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण टॉपिक होते हैं। जो कि हर बार बच्चों के एग्जाम में पूछा जाता है। जानेंगे आज के पोस्ट में इन्हीं के बारे में।

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संज्ञा किसे कहते हैं– Sangya ki Paribhasha

संज्ञा की परिभाषा

संज्ञा शब्द से अर्थ है किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, गुणों या विचारों को दर्शाने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं।

इसे हम दूसरे शब्दों में ऐसे समझेंगे,

संज्ञा से यह तात्पर्य है कि वह हमे किसी प्रश्न का उत्तर देता है जैसे कौन? क्या? या  कहां?
जैसे:
कौन घर पर कौन है?
क्या तुम रूबी हो?
तुम्हारा घर कहां है?

संज्ञा के 10 उदाहरण

1. आगरा
2. शिखा
3. किताब
4. पेन
5. प्यार
6. नफरत
7. अच्छाई
8. बुराई
9. ज्ञान
10. विचार

संज्ञा के भेद: संज्ञा के 5 भेद होते हैं

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा:

व्यक्तिवाचक संज्ञा, संज्ञा का वह भेद है जिसमे हमें व्यक्तियों का बोध होता है।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण
अमन, श्याम, हर्ष, शीतल

2. जातिवाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा

जातिवाचक संज्ञा, संज्ञा का वह भेद है जिसमे किसी जाति या उसके वर्ग का बोध होता है।

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण:
गाय, बकरी, लड़का, लड़की

3. भाववाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा

भाववाचक संज्ञा, संज्ञा का वह भेद है जिसमें किसी भाव या गुण बोध होता है।

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
सम्मान, खुशी, गर्व, मीठा

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा की परिभाषा

द्रव्यवाचक संज्ञा के द्वारा हमें हमारे आसपास मौजूद पदार्थों का बोध होता है, जिनका हम उपयोग करते हैं।

द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण

सोना, चांदी, दूध, ब्रेड

5. समूहवाचक संज्ञा

समूहवाचक संज्ञा की परिभाषा

समूहवाचक संज्ञा, संज्ञा का वह भेद है जिसमें किसी समूह या दल का बोध होता है।

समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण
क्लास, सेना, गुच्छा, दल

 

सर्वनाम

सर्वनाम की परिभाषा

जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं या संज्ञा के बदले में प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।

जब आप संज्ञा के स्थान पर किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान का नाम बार बार आ रहा हो तो उसके नाम की जगह सर्वनाम का प्रयोग किया जाएगा।

जैसे: मैं, हम, तू, कहां, आप, कौन, यह, कुछ, वह, जो, कोई।

मैं: मैं खाना बनाती हूं।
हम: हम खाना खाते हैं।
तू: अब तू यहां से जा।
कहां: तुम कहां रहते हो।
आप: आप कहा जा रहे हैं?
कौन: तुम्हारे साथ कौन है?
यह: यह बुक दीप्ति की है।
कुछ: मुझे कुछ संतरे चाहिए।
वह: वह एक आम का पेड़ है।
जो: जो खुद की मदद करता है, लोग भी उसकी मदद करते हैं।
कोई: यहां कोई किताब रखी है क्या?

सर्वनाम के भेद

सर्वनाम के 6 प्रकार के होते हैं:

1. व्यक्तिवाचक सर्वनाम

व्यक्तिवाचक सर्वनाम की परिभाषा

व्यक्तिवाचक सर्वनाम स्त्री और पुरुष दोनों की बोध कराता है।
जैसे: आप, तू, मैं

आप: आप कहां रहते हैं?
तू: तू क्या कर रही है?
मैं: मैं पानी पीने जा रही हूं।

उत्तम पुरुष – वक्ता या बोलने वाले व्यक्ति का बोध कराता है। या बोलने वाले व्यक्ति को दर्शाता है।
जैसे: मैं, मेरा, मेरी, हम, हमारी, हमारा

मैं: आज मैं स्कूल जाऊंगा।
मेरा: मेरा स्कूल घर के पास है।
मेरी: मेरी बातों का जिंदगी में बहुत अधिक महत्व है।
हम: हम कल पार्क जाएंगे।
हमारी: हमारी बात बिलकुल सही है।
हमारा: हमारा स्कूल शिक्षा में सबसे आगे है।

मध्यम पुरुष – वक्ता या बोलने वाला व्यक्ति श्रोता के लिए जिस सर्वनाम का प्रयोग करता है, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं।
जैसे: आप, तुम, तुम्हारी, तुम्हारा, आपका, आपकी

आप: आपकी लिखावट अच्छी है।
तुम: आज खाना तुम बनाओ।
तुम्हारी: तुम्हारी ड्रेस बहुत अच्छी है।
तुम्हारा: तुम्हारा घर कहां है।
आपका: मुझे अपनी किताब देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।

अन्य पुरुष – वक्ता या बोलने वाला व्यक्ति व श्रोता को छोड़ कर अन्य का बोध् होता है, उसे अन्य पुरुष कहते हैं।
जैसे: ये, वह, यह, वे, इनका, उनका, इन्हें, उन्हें
ये: ये रोड कहां जाती है?
वह: वह मेरा भाई है।
यह: यह किताब मैंने पढ़ी है।
वे: वे यह नहीं रहते हैं।
इनका: इनका समान ले जाओ।
उनका: उनका कहना सही है।
इन्हें: इन्हें एक गिलास पानी दो।
उन्हें: उन्हें मेरे पास भेजो।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम

निश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा

किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान को दर्शाने वाले सर्वनाम को निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: यह, वे, वह, ये

यह: यह मेरी किताब है।
वे: वे यह से चले गए।
वह: वह गुलाब का फूल है।
ये: ये आपके लिए एक नई शुरुआत है।

निश्चयवाचक सर्वनाम के भेद

1. निकटवर्ती: जब आप वस्तु या किसी व्यक्ति के निकट रहते हैं, और उससे इशारा करते हैं। उसे निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम का प्रयोग कहते हैं।
जैसे: यह, ये

2. दूरवर्ती:  जब आप वस्तु या किसी व्यक्ति से दूर रहते हैं, और उससे इशारा करते हैं। तो उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम का प्रयोग कहते हैं।
जैसे: वह, वे

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

अनिश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा

किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध कराने के लिए अनिश्चयवाचक सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। परंतु यह स्पष्ट नहीं, कि हम किसके बारे में बात कर रहे हैं।
जैसे: कोई, कुछ,

कोई: तुम कोई काम क्यों नहीं करते।
कुछ: दाल में कुछ काला है।

4. प्रश्नवाचक सर्वनाम

प्रश्नवाचक सर्वनाम की परिभाषा

वह सर्वनाम जिससे किसी वस्तु, स्थान या व्यक्ति के लिए  प्रश्न पूछने का बोध होता हो उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
जैसे: कौन, क्या, किसे, कहाँ

कौन: वह कौन सी फसल है?
क्या: क्या तुम्हें मीठा पसंद है?
किसे: यह किताब किसे चाहिए?
कहाँ: तुम कहां जा रहे थे?

5. संबंधवाचक सर्वनाम

संबंधवाचक सर्वनाम की परिभाषा

ऐसे सर्वनाम जिससे किसी वस्तु या व्यक्ति के संबंध को दर्शाता हो उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे: जो, यह, वह, जिसका, जिसे

जो: वही कामयाब होगा, जो कोशिश करेगा।
यह: यह कौन है, जो हंस रहा है।
वह: जो पेन मेरे पास है, वह तुम्हारे पास नहीं है।
जिसका: जिसका समान है, वह लें जाए।
जिसे: यह वही बैग है, जिसे मैंने कल बाजार में देखा।

6. निजवाचक सर्वनाम

निजवाचक सर्वनाम की परिभाषा

निजवाचक सर्वनाम ऐसे सर्वनाम को कहते हैं जिसमें व्यक्ति या कोई कर्म खुद का बोध कराता हो।
जैसे: आप, वे, तुम, मैं

आप एक ग्लास उठा ले।
वे यहां से चले गए।
तुम अपना काम खुद करो।
मैं कल आऊंगी।

विशेषण

विशेषण की परिभाषा

संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को ‘विशेषण’ कहते हैं।

जैसे: मोटा, पतला, मीठा, लंबा, चौड़ा

मोटा: मोटा किताब अभी हाथ में रखना।
पतला: यह पतला कपड़ा है।
मीठा: चाय बहुत मीठा है।
लंबा: यह पेड़ काफी लंबा है।
चौड़ा: सड़क तो चौड़ी हो गई।

विशेषण के भेद

1. गुनवाचक विशेषण

गुनवाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की गुण, स्वभाव या अवस्था को बताते हैं।
जैसे: बड़ा, छोटा, लंबा, चौड़ा

बड़ा: यह पेड़ बड़ा है।
छोटा: यह छोटा सा सामान है।
लंबा: दरवाजा लंबा है।
चौड़ा: दीवार चौड़ा है।

2. परिमाणवाचक विशेषण

परिमाणवाचक  विशेषण के द्वारा हमें किसी वस्तु की मात्रा या परिमाण का बोध होता है।
जैसे: कम, ज्यादा, पूरा, कुछ

कम: कमरे में समान कम रखा करो।
ज्यादा: ज्यादा समय मत लगाओ।
पूरा: अपना पूरा ध्यान लगाओ।
कुछ: कुछ देर यह रुको।

3. संख्यावाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण किसी वस्तु की संख्या का बोध कराते हैं।
जैसे: एक, दो, तीन, चार

एक: एक ग्लास पानी लाओ।
दो: दो कुत्ते बाहर है।
तीन: तीन रंग का तिरंगा हमारा।
चार: चार संतरे लाओ।

4. सार्वनामिक विशेषण

सार्वनामिक विशेषण किसी सामान्य समूह या वर्ग के पहले प्रयुक्त  होते हैं और संज्ञा की विशेषता का बोध कराते हैं।
जैसे: मेरी किताब, राजा का महल, साहसी लड़की, अमीर लोग

मेरी किताब: मेरी किताब टेबल पर ही है।
राजा का महल: राजा का महल शानदार है।
साहसी लड़की: प्रेरणा एक साहसी लड़की है।
अमीर लोग: अमीर लोग अपना समय बर्बाद नहीं करते।

Author: Allinesureya

2 thoughts on “Sangya,Sarvanam,Visheshan|Paribhasha|Bhed|Udhanaran

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