तुकाराम जी महाराष्ट्र के प्रसिद्ध कवि थे, वे विट्ठल भगवान के परम भक्त थे। महाराष्ट्र के सबसे महान संतों में एक माना जाता है। इनका जन्म 17वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में देहू नमक एक ग्राम में हुआ था। बाद में ये तुकोबा नाम से भी बहुत प्रसिद्ध हुए। तुकाराम जी का जन्म एक साधारण से किसान के परिवार में हुआ था। और कुछ समय बाद में उन्होंने अपने माता-पिता को काफी कम उम्र में ही खो दिया था।
तुकाराम जी ने अपना सारा जीवन भगवान विट्ठल की भक्ति और समाज के सुधार में पूरी तरह से समर्पित कर दिया। तुकाराम जी ने अनेक गीतों की रचना की जिनमें अभंग नामक भक्ति गीत आज भी महाराष्ट्र में अत्यंत लोकप्रिय हैं। उनके द्वारा रची गई ’अभंग‘ सरल भाव और आध्यात्मिक गहराई के लिए खूब जानी जाती हैं। एक बार उनकी मुलाकात एक संत से हुई थी, उन्ही संत के द्वारा ही उन्हें भी विट्ठल भगवान की भक्ति मिली थी।
तुकाराम जी के प्रसिद्ध अभंगों के उदाहरण:
1. विठ्ठल माझे नाम
2. वारकरी वारी
3. जो का रंजले गांजले
4. देवा तूज्या द्वारी
5. अवघा मला देव
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अभंग समाज का एक रूप, एक आईना होती है जो हमारे बीच कविता के रूप में होती है। जिसका असर हमें अपने जीवन के हर एक पल में देखने को मिलता है। तुकाराम महाराज जी की अभंग सरलता और गहराई से भरी होती हैं, भक्ति और वैराग्य की उच्च स्तर पर होती है जिसके कारण उन्हें काफी प्रशंसा मिली। समाज के विभिन्न वर्गों को आकर्षित करती थीं। उनके द्वारा लिखी गई अभांगो में समानता, सहिष्णुता और धर्मिक सद्भाव के संदेश महत्वपूर्ण रूप से होते हैं। लोगों के लिए वे एक एक सरल और प्रभावशाली मार्गदर्शक हैं।
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