अंबुबाची मेला कहां लगता है: अंबुबाची मेला असम राज्य में होने वाली एक पर्व है। यह एक वार्षिक मेला है। यह दिन तंत्र और शक्ति उपासना का विशेष पर्व है। जो हर वर्ष जून के महीने में मनाया जाता है। इस दौरान मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। इस मेले के दौरान कामाख्या मंदिर के कपाट चार दिनों के लिए पूरे तरीके से बंद कर दिए जाते हैं। जिसके बाद मंदिर का द्वार पांचवें दिन में खुलता है। इस दिन भक्तों को एक “अंबुवाची वस्त्र” जो एक लाल रंग के कपड़े को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
देवी कामाख्या को शक्ति की देवी रूप में माना जाता है।देवी का रजस्वला स्त्री की शक्ति तथा प्रकृति के द्वारा बनाए गए चक्र का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दौरान देवी की पूजा करने से अनेक फल की प्राप्ति होती है जैसे पापों का नाश, मनोकामना पूर्ति और साथ ही इस दिन पुजा करने से मोक्ष प्राप्ति की होती है।
अंबुबाची उत्सव के पीछे क्या कारण है?
अंबुबाची मेला उत्सव असम के गुवाहाटी के प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में होती है। इस दिन को देवी के वार्षिक मासिक धर्म के लिए चार दिन का अंबुबाची मेला के रूप में मनाया जाता है। यह अंबुबाची मेला पूरे पूर्वी भारत की सबसे बड़ी सभाओं में शामिल है। हर साल जून के महीने में यह त्योहार मनाया जाता है। और यह कामाख्या मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण भव्य मेला और त्योहार है।
अंबुबाची शब्द का अर्थ क्या है?
क्योंकि यह त्योहार असम से जुड़ा हुआ है और यहां असमिया भाषा बोली जाती है। तो अंबुबाची एक असमिया शब्द है जो संस्कृत के शब्द ‘अम्बुवासी’ से निकला है। और इस हब्द का अर्थ होता है ‘पानी का निकलना’।
अंबुबाची के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
चूंकि इस दिन संपूर्ण पूर्व भारत में एक उत्सव का दिन होता है। इसलिए इस दिन लोग खुशियां मनाते हैं और ज्यादा काम नहीं करते। लोग इस दिन अनुष्ठान में हिस्सा लेते हैं। अपने दैनिक कार्यक्रम को इस दिन के लिए रोक देते हैं। ब्राह्मण इस दिन पका हुआ भोजन नहीं करते हैं। लेकिन आप अपना भोजन इस के लिए सात्विक ही रखें।
अंबुबाची उत्सव हर साल किस राज्य में आयोजित किया जाता है?अंबुबाची मेला कब है?
अंबुबाची मेला पूर्वी भारत में विशेष तौर पर मनाया जाता है। असम के गुवाहाटी शहर के कामाख्या मंदिर में यह आयोजन होता है जहां लोग दूर दूर से यहां शामिल होने आते हैं। असम में अंबुबाची मेला इस साल 16 जून से 20 जून तक मनाया जाएगा।
कामाख्या मंदिर में लाल कपड़ा कैसे मिलता है?
अंबुबाची मेला असमिया महीने आहार (जून के मध्य) में होता है। जब मैं बच्चा था, मेरे पिता हर साल कामाख्या मंदिर के पुजारी को मनीऑर्डर भेजते थे। बदले में, लगभग एक महीने के बाद, हमें कुछ प्रसाद और लाल कपड़े का एक छोटा सा टुकड़ा पैक किया जाता था ।
क्या अंबुबाची के दौरान पूजा करनी चाहिए? क्या हम अंबुबाची के दौरान पूजा कर सकते हैं?
अंबुबाची के दौरान पूजा नहीं की जाती है, क्योंकि इस दौरान मंदिर तीन दिनों तक बंद रहता है। मान्यता है कि इन तीन दिनों तक देवी एकांत में आराम करना चाहती हैं। और काम और पूजा से दूर रहती हैं।