बिना माला के जप कैसे करें: यह एक सवाल हर उस व्यक्ति के मन में तो एक बार जरूर आएगा, जिसे की मंत्रों का जाप करना होगा। दोस्तों हां मत्रं उच्चारण के लिए माला की आवश्यकता होती है ताकि आप उसके मदद से अपनी जाप शुरू कर सके। पर यह दोस्तो तब के लिए होती है जाप आपको अधिक मत्रों का जाप करना होता है। लेकिन दोस्तो आप चाहते हैं बिना माला के भी मंत्र जपना तो आप यह बड़ी ही आसानी से यह कर सकते हैं।
आप अपने दोनो हाथों की उंगली को मदद से यह कार्य पूरा कर सकते हैं। आगे आप जानेंगे यह कैसे संभव है कि बिना माला के जप कैसे करें?
उंगली से जाप कैसे करें?
दोस्तों अपनी हाथों की उंगलियों के इस्तेमाल से जाप करना बड़ा ही आसान होता है। चलिए मैं आपको सिखाती है यह कैसे करना है। दोस्तों अगर आप अपने हाथों को ध्यान से देखने से आप पाएंगे की आपके हाथों में गिनती गिनेंगे तो यह 20 – 20 दोनों हाथों की गिनती मिलाकर होइंगी। तो इससे आप बड़ी ही आसानी से 21 मंत्र जाप कर सकते हैं। और आगे बढ़ने से आप आसानी से 108 भी गिंन सकते हैं।
क्या बिना माला के जाप कर सकते हैं?
मंत्र साधना में सफलता के लिये बिना माला के जाप कैसे करें? यह बड़ा सवाल लोगो के मन में पहली बार जरूर आते हैं, चलिए जानते आपके इस सवाल का जवाब।
तो इसका जवाब है, हां बिना माला के भी जाप किया जा सकता है। यह जाप मानसिक जाप कहलाता है। मानसिक जाम में आप कोई भी काम में लगे हो फिर भी आप जाप कर सकते है। जैसे कि चलते फिरते, खाते – पीते भी मन में अपने ईष्ट के नाम से प्राप्त मंत्र का सुमिरन मानसिक जाप के द्वारा बिल्कुल कर सकते हैं।
कुछ लोगों के मन में यह भी सवाल आते है कि चलते फिरते मंत्र जाप करने से क्या होता है? दोस्तों जैसे कि मैंने आपको बताया चलते फिरते जाप करना मानसिक जाप कहलाता है।
चलते फिरते लगातार मंत्र जाप करने से चमत्कार भी होते हैं और आपके जाप का बहुत प्रभाव भी होता है।
हाथ में हम क्या जाप करते हैं?
आप बिना माला के जप कर सकते हैं, मंत्रो का उच्चारण अपने हाथ के मदद से ही कर सकते है इसमें आपको माला से जाप करने की आवश्यकता नहीं है।
क्या हम बिस्तर पर ओम नमः शिवाय का जाप कर सकते हैं?
ॐ नमः शिवाय शिवजी का सबसे लोप्रिय मंत्र है। जिसके जाप से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। और आप पर अपनी कृपा बरसाते हैं। तो जो भी लोग यह सवाल पूछते हैं कि क्या बिस्तर पर ॐ नमः शिवाय का जाप करना है या नहीं तो दोस्तों यह एक प्रकार का पूजा का भाग होता है जिसका हमे ध्यान रखना होता है। पर अगर आप चाहते हैं जाप करना तो आप बेशक करिए, लेकिन आपके आस पास ज्यादा सफाई होनी चाहिए। तभी आप करें।
माला जपते समय नींद क्यों आती है?
अगर आपको मंत्र उच्चारण के समय नींद आ जाती है तो हो सकता है कि आपकी नींद पूरी न हुई हो इसलिए आ रही हो, लेकिन मंत्र जाप के समय नींद आना एक स्वाभाविक रूप है। किसी किसी व्यक्ति को इस समय नींद आ सकती है। यह कोई गलत आदत नहीं है। पर आप अपनी तरफ से पूरी ध्यान मंत्रों पर लगाने की कोशिश करें।
कलयुग में कौन सा नाम जपना चाहिए?
कलयुग के श्रेष्ठ मंत्र कौन सा है ? देखा जाए तो कलियुग में राम एक श्रेष्ठ मंत्र के रूप में देखा जाता है। और अपने आप में भी राम – नाम एक श्रेष्ठ मंत्र है । राम – नाम के जाप से आपको आपके सारे कार्यों में सफलता प्राप्त होती है, उन्नति के रास्ते खोलते जाते हैं। जीवन सरल बनता है।
मैं मंत्र कैसे चुनूं?
आमतौर पर, कोई एक मंत्र को ढूंढना आपके लिए मुश्किलों से भरा करी हो सकता है। अगर आप यह पहली बार शुरुआत करने वाले हैं तो। लेकिन अब मै आपको अपना मंत्र ढूंढने का एक अच्छा तरीका बताने जा रही हूं। आप सबसे पहले यह देखे की आपको क्या चाहिए, या आप आगे क्या करेंगे, आपको क्या चाहिए? ऐसे सवाल खुद से जरूर करें। तब आपको एक अच्छा मंत्र मिलेगा। और यह देखे कि आपको आगे किस चीज की आवश्यकता है आपको अपना मंत्र भी उसी चीज के लिए चुनना है। और ऐसे आपनापना मंत्र चुन सकते हैं।
ओम नमः शिवाय कितनी बार लिखना चाहिए?
अगर आप मंत्रो को जाप करने के बजाए उन्हें लिखना पसंद करते हैं तो यह भी आपके लिए एक अच्छा तरीका है। आप ऐसा कर सकते हैं। पर सवाल यह भी है कि कितनी बार मंत्रों को लिखेंगे। तो दोस्तो मैं आपको बताना चाहूंगी आप किसी भी मंत्र को 11 बार, 21 बार से भी शुरू कर सकते हैं। 108 बार भी बार सकते हैं।
सुबह उठते ही कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
दोस्तो माना जाता है कि दोनों हथेलियों को जोड़ कर अगर देखा जाए तो सबसे पहले हथेली में लक्ष्मीजी का बवास है फिर बीच मे सरस्वतीजी और उसके बाद विष्णुजी का निवास होता है। तो इसलिए हर व्यक्ति को सुबह उठ कर सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखनी चाहिए। और उसे देख कर सबसे पहले एक मंत्र बोले
ऊं कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले च गोविंद: प्रभाते कुरुदर्शनम्।।
मेरे जीवन का मंत्र क्या है?
असतो मा सदगमय;
तमसो मा ज्योतिर्गमय;
मृत्योर्मा अमृतम् गमय ।।
।। ऊँ शान्ति शान्ति ऊँ।।
यही सभी मनुष्य के जीवन का सर्वोत्तम मंत्र में से एक है। यह मंत्र आपके जीवन का भी मूल मंत्र है।