राधा रानी और श्री कृष्ण, मथुरा, माखन, यशोदा मैया, कृष्णा की बांसुरी की वो धुन हो वृंदावन में एक चमत्कार सी मधुर आवाज बिखेरती है। यह सब कितना आनंदमय है यह सुनने में बहुत अनोखा नज़ारा लगता है। यह सारी बात है कृष्ण जी की प्रचलित नगरी वृंदावन की।
राधा कृष्ण प्रेम का एक अद्भुत रूप है। वे हमें प्रेम का एक अनोखा रूप बताते हैं। जो बिल्कुल पवित्र है। उनके द्वारा हमे प्रेम के अनेकों रूप का पता चलता है। क्योंकी आप खुद से भी जब राधा कृष्ण के बारे में जब सोचते हैं बताएं ज़रा आपके दिमाग में क्या आता सबसे पहले? दोस्ती ठीक वैसेही सबसे दिमाग में कृष्ण के वो बासुरी की मधुर आवाज जो कि सभी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हुई दिखाई पड़ती है। उन्ही लोगो मे से एक राधा भी थी जो कान्हा की बसूरी सुन कर चारो ओर आकर्षित थी। सांसारिक सुखों के बावजूद राधा कृष्ण दोनों ही प्रेम के पुजारी थे।
राधा की मृत्यु कैसे हुई? (Radha Ki Mrityu Kaise Hui)राधा की मृत्यु का रहस्य
दोस्तों राधा रानी की आखिरी दिनों की बात की जाए तो माना जाता है कि वो अपने अंत के दिनों में भगवान श्री कृष्ण से मिलने द्वारका गई थीं। और वो कृष्ण से काफी लंबे समय के बाद यह मुलाकात हुई थीं। जिसमे वे दोनों ही बेहद खुश थे। वो दोनों की मुलाकात को हुए बहुत लंबे सालों का हो चला था। जिस कारण उनके खुशी का ठिकाना ना था। इस मुलाकात के बाद भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी जी को अपने महल में ही रहने को कहा था। और राधा भी यहीं रहा करती थी।
कुछ समय ऐसेही खुशी खुशी बीत जाने के बाद राधा को अब ऐसे लगने लगा कि महल में रहते हुए उसे बहुत समय बीत चुका है। अब फिर यहां उसने महसूस किया कि अब यह लंबा समय हो चुका है, राधा और कृष्ण के प्रेम से सत्यभामा और रुक्मिणी के प्रेम कृष्ण को नहीं मिल पाएंगे। जिसके बाद उसे यह लगा कि अब वह यहां नहीं रहना चाहती क्योंकि उसका कृष्ण पर ध्यान तब लगेगा जब वह कृष्ण से दूर होंगी।जिसके बाद उसने वहां से दूर जाने का सोचा।
यह सोच कर वह कृष्णा को बिना कुछ कहे ही उसके महल से दूर वापिस वृंदावन चली जाती है। और वह वहीं रहकर कृष्ण के प्रेम में ध्यान लगती है। लेकिन अब राधा का अंतिम समय बहुत करीब आ चुका होता है। कृष्ण को भी यह आभास हो चुका था। जिसके बाद कृष्ण को याद आता है कि राधा को उन्होंने वचन दिया था कि उसके अंतिम छन में वे राधा के साथ रहेंगे। जिसके बाद बिना देर किए कृष्ण राधा के पास पहुंच गए, और राधा रानी को देख कर बहुत भावुक हो उठे।
जिसके उन्होंने राधा से उनकी इच्छा जानने की कोशिश जिस प राधा ने शुरुआत में तो कुछ भी नहीं व्यक्ति किया। बाद कृष्ण के जोर देने पर राधा ने कृष्ण को बताया कि उन्हें कृष्ण के साथ वैसा ही समय बिताना है जैसा वह बचपन में कृष्ण के साथ वृंदावन में बिताया करती थी। उनकी मीठी बांसुरी की धुन सुनना चाहती है। जैसे वह पहले किया करती थीं।
यह सुन कर कृष्ण तुरंत अपनी बांसुरी बजाने लगते हैं। अब राधा अपने कृष्ण के प्रेम में खुद को खो देती है। राधा कृष्ण ने विलीन हो जाती है। इस छन में राधा और कृष्ण एकदुसरे की आंखों में देख रहे होते हैं। उन दोनों के आखों में एक दूसरे के लिए प्रेम के आसूं होते हैं। वे अपनी वृंदावन की सभी पुरानी यादें ताजा कर रहे होते हैं। वे दोनों एक दूसरे के लिए खुश भी भी थे और साथ ही साथ इस परिस्थिति में दुखी भी थे।
इस तरह राधा ने अपनी सभी पुरानी यादें कृष्ण के साथ ताजा कर अपनी आखिरी सांसें अपने प्रिय कृष्ण के बाहों में ली। उसकी मधुर बांसुरी की आवाज को सुन कर ली, अपने कान्हा के साथ रहीं। राधा के ऐसे हालात देख कृष्ण के आखों में आसूं थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। और जब राधा ने जब अंतिम सासें ली तो कृष्ण ने अपनी सबसे प्रिय चीज खो दी। उन्होंने उस समय अपनी 2 प्रिय चीज खोई। एक राधा और दूसरी बांसुरी।
कृष्ण को यही दो चीज बहुत ही प्रिय थी। राधा की मृत्यु के पश्चात कृष्ण ने अपनी वो बांसुरी खुद अपने ही हाथों से तोड़ डाली। क्योंकी उन्हें राधा के जाने का बहुत अफसोस था। जिस कारण उन्हें उस समय बहुत दुख हुआ था। राधा की मृत्यु के बाद भगवान श्री कृष्ण बहुत ही कम समय पृथ्वी पर रहे। उनका अंतिम कार्य महाभारत का युद्ध था। जिसके खत्म होने के बाद वे पृथ्वीलोक को छोड़ दिया था।
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राधा रानी कौन सी जाति की थी?
हर मनुष्य को उसकी जाति अपने माता पिता से मिलती है। पर राधा रानी ने मां के गर्भ से जन्म नहीं लिया था। इसलिए उनकी जाति को बता पाना मुश्किल होता है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि राधा यदवंशी थी।
क्या कृष्ण राधा को रुक्मिणी से ज्यादा प्यार करते थे?
राधा कृष्ण का प्रेम दिव्य और आंतरिक प्रेम है। जबकि रुक्मिणी का प्रेम मानवीय प्रेम को दर्शाती है। और हमने ऊपर जाना की कृष्ण को 2 चीजे अति प्रिय थी वे दो चीजें बांसुरी और राधा है।
कृष्ण ने राधा को क्यों छोड़ दिया?
राधा ने कभी भी कृष्ण से शादी करने जा नहीं सोचा था। जिस कारण उनकी कभी शादी नहीं हुई। जिसके बाद कृष्ण को वृंदावन को छोड़ कर जाना था। जिसके बाद वे चले गए।
राधा कृष्ण के अनुसार प्रेम क्या है?
प्रेम एक आंतरिक संबंध है। जिसका कोई भौतिक रूप नहीं होता। व्यक्ति के बीच यह सिर्फ एक आध्यात्मिक संबंध है। इस पवित्र प्रेम को छू कर एहसास नहीं किया जा सकता। यह तो केवल अपने मन के अदृश्य इन्द्रियों से महसूस किया जाता है। जिसका ना तो कोई आकर है और न ही स्वरूप।
पहले किसका जन्म हुआ राधा या कृष्ण?
पहले राधा का जन्म हुआ था और फिर कृष्ण का। पर कृष्ण के जन्म होने तक राधा की आंखे बंद थी। उसकी आंखे जन्म के 11 महीनों तक बंद थी। 11 महीनों के बाद जब कृष्ण का जन्म हुआ तब उसकी आंखों का पहला दर्शन कृष्ण का ही हुआ था।
FAQ
Q. कृष्ण के मरने के बाद राधा का क्या हुआ?
कृष्ण के पहले राधा की मृत्यु हुई हो चुकी थी।
Q. राधा कृष्ण के कितने पुत्र थे?
राधा कृष्ण के कोई भी बच्चे नहीं थे।
Q. राधा के कितने बच्चे हुए?
राधा के बच्चे नही थे।
Q. कृष्ण की सबसे प्रिय वस्तु क्या थी?
कृष्ण के लिए सबसे प्यारी 2 चीजे थी पहली राधा और दूसरी उनकी बांसुरी।
Q. क्या राधा और कृष्ण के शारीरिक संबंध थे?
नहीं
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