Rahu Ketu Upay:
दोस्तों राहु और केतु, ज्योतिष शास्त्र के दो ऐसे ग्रह हैं जो अदृश्य ग्रहों को संकेत करते हैं और वे चंद्रमा की आकाशीय गति के विपरीत दिशा में चलते हैं। क्योंकि इनका संबंध सूर्य और चंद्रमा की छाया के साथ है इसलिए इन्हें छाया ग्रह भी कहा जाता है। अगर हम ज्योतिष की अगर मानें तो राहु और केतु को उच्च ग्रह माना जाता है, और इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा रहता है।
दोस्तों राहु और केतु को ‘ग्रह’ कहना तकनीकी गलती होगी। क्योंकि राहु और केतु खुद ग्रह नहीं हैं, ये चंद्रमा की जो आकाशीय गति होती है उस गति के विपरीत दिशा में चलने वाले बिना शरीर के बिंदु हैं। इन दोनों आकाशीय बॉडीज को ‘राहु’ और ‘केतु’ कहा जाता है।
वैसे तो राहु को उत्तरफल्गुनी नक्षत्र में स्थित माना जाता है, जबकि केतु स्थित होता है शतभिषा नक्षत्र में। अगर नक्षत्रों का आधार मैने तो यह स्वयं सूर्य और चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर होता है, जिसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर सामाजिक, आर्थिक, और आध्यात्मिक परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।
राहु कर्मभावना का कारक होता है, जिससे हमें यह पता चलता है कि व्यक्ति की जीवन में कर्मयोग की भूमिका कितनी होगी। जिसका प्रभाव सामाजिक रूप से बनाया जा सकता है, और व्यक्ति को समाज में उच्च स्थान पर पहुँचने मान सम्मान मिलने में मदद करता है। आप यह भी देख सकते हैं कि यदि राहु किसी व्यक्ति के अशुभ स्थिति में है, तो यह उस व्यक्ति को अधिक आत्मीय बना सकता है जिससे सामाजिक संबंधों में कठिनाइयों का कारण भी बन सकता है।
वैदिक ज्योतिष की मैने तो यहां केतु को मोक्ष का कारक माना जाता है। यहां यह व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा में दृढ़ता प्रदान करता है और उस व्यक्ति को अपने लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ने में काफी मदद करता है। केतु के शतभिषा नक्षत्र में स्थित यह बताता है कि उस व्यक्ति का मनोबल और आत्मविश्वास ऊँचा रहता है और उसमें अपनी सामाजिक जिम्मेदारी की भावना होती है।
जब भी राहु और केतु शुभ दृष्टियों में होते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता और सुख शांति मिलती है। हालांकि, अगर ये ग्रह अशुभ स्थिति में हैं, तो व्यक
राहु और केतु ग्रहों के उपाय विभिन्न धार्मिक और ज्योतिषीय परंपराओं में प्रस्तुत किए गए हैं जो व्यक्ति को इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति प्रदान करने का प्रयास करने में मदद कर सकते हैं।
1. मन्त्र जाप
किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सबसे आसान और कारगर उपाय मंत्र होते हैं। तो इसलिए राहु और केतु ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए भी शास्त्रों में विशेष मन्त्रों का जाप बताया गया है। मंत्र हैं –
“ऊँ राहवे नमः” और “ऊँ केतवे नमः”
इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करना राहु और केतु ग्रह के लिए बहुत ही शुभ माने गए हैं। इनका उपयोग अनुष्ठान किया जाता है।
2. दान और सेवा
राहु और केतु के शुभ फल के उपाय के रूप में दान किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं बर्फ, शहद, ताम्र, सरसों इत्यदि। इसके साथ साथ, गरीबों की सहायता और अच्छे कार्यों में शामिल होना भी इन ग्रहों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
3. रत्न धारण
कुछ लोग राहु और केतु के अशुभ प्रभावो को खत्म करने के लिए नीलम और केतु के अशुभ प्रभावो को खत्म करने लिए लहसुनिया रत्न धारण करते हैं।
4. व्रत और पूजा
राहु और केतु के प्रभाव की मुक्ति के लिए विशेष व्रत कर सकते है। गुरुवार का दिन राहु ग्रह का होता है इसलिए इसी दिन आप चाहे तो व्रत कर सकते हैं। ठीक उसी प्रकार मंगलवार को केतु के लिए व्रत रख सकते हैं। क्योंकि इस दिन
केतु ग्रह के लिए व्रत का प्रचलन है।
5. पूजा और हवन
राहु और केतु के प्रभाव के उपाय करने के लिए राहु और केतु विशेष पूजा-हवन आयोजित किए जा सकते हैं। इसके लिए आप चाहे तो स्थानीय पुरोहित या ज्योतिषी की मार्गदर्शन में कर सकते हैं।
यह उपाय सबसे आसान हैं जो व्यक्ति की श्रद्धा भाव पर आधारित है। इन्हें नियमित रूप से करते रहें, और सही तरीके से करें। आप चाहें तो एक योग्य ज्योतिषीय सलाह के साथ कर सकते हैं। इन उपायों का अनुसरण करना आपके लिए सबसे अधिक प्रभावशाली हो सकते हैं।
राहु ग्रह को ठीक करने के लिए तो अनेकों उपाय दिय गए हैं जिनका अनुसरण करना बहुत आसान है, लेकिन इन सभी उपायों को अधिक ध्यान से किया जाना चाहिए। क्योंकि ये सभी उपाय उस व्यक्ति की कुंडली और परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। यहां कुछ आसान राहु शांति के उपाय दिय गए हैं:
चलिए अब जानते है राहु और केतु ग्रह के उपाय के बारे में ज्यादा विस्तार से जानते हैं।
1. राहु मंत्र जाप
“ऊँ रां राहवे नमः”
इस मंत्र का नियमित जाप से राहु के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
2. राहु कवच पाठ
राहु कवच का पाठ करने से राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव से शांति मिलती है।
3. दान करना
गोमेद रत्न, शहद, सरसों, नीला कपड़ा, बर्फ, ताम्र, या एक ताम्र कलश ये सभी चीजे राहु से जुड़ी हुई है इनके दान से खराब राहु ग्रह को ठीक किए जा सकते है।
4. राहु यंत्र पूजा
राहु यंत्र को स्थापित कर पुजा करना भी राहु के अशुभ प्रभाव को खत्म करने में सहायक होता है।
5. राहु की दिनचर्या
जैसे कि मैंने ऊपर बताया कि शनिवार को राहु ग्रह का दिन होता है इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन को राहु ग्रह के उपायों में सावधानी बरतना चाहिए।
6. सूर्यास्त में पूजा
राहु को सूर्यास्त में राहु को पूजना अच्छा माना गया है।
7. गोमेद रत्न धारण
राहु के उपाय में से एक है गोमेद रत्न धारण करना। यह रत्न शुभ परिणाम देता है।
8. नीला कपड़ा धारण
राहु की शांति के लिए नीले कपड़े का धारण अच्छा होता है।
9. व्रत रखना
राहु के विशेष दिन पर उपवास एक अच्छा उपाय है।
10. प्राकृतिक उपाय
घर पर य संभव हो तो अपने आस पास नीले फूलो का उपयोग कर सकते हैं। अपने घर के गमले में नीले लंग के फूलो को ज्यादा से ज्यादा लगाए।
चलिए अब बारी है केतु ग्रह के भी कुछ ऐसी तरह आसान और कारगर उपायों के बारे में जान लेते की। तो हम एक एक कर के देखेंगे इनके उपाय।
केतु ग्रह के दुश प्रभाव को कम करने के लिए आसान और कारगर उपायों के उपयोग कर सकते है। यहां विभिन्न उपाय दिय गए हैं:
1. केतु मंत्र जाप
“ऊँ कें केतवे नमः“
यह केतु मंत्र है, जिसका नियमित रूप से जाप करना केतु ग्रह के शुभ फल में सहायक होते है।
2. केतु यंत्र पूजा
केतु यंत्र के पुजा अर्चना से भी जातक को काफी लाभ होते हैं। यंत्र पूजन एक अच्छा उपाय है।
3. गोमेद रत्न धारण
गोमेद रत्न केतु ग्रह को देशता है इसके धारण से भी केतु ग्रह के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
4. केतु कवच पाठ
केतु कवच का भी सहारा आप ले सकते हैं, इसके पाठ से भी केतु ग्रह के प्रभाव अच्छे हो जाते है।
5. बर्फ दान
बर्फ दान केतु के प्रभाव को कम करने के लिए एक अच्छा और प्रसिद्ध उपाय है।
6. केतु ग्रह शांति पूजा
केतु ग्रह शांति के विशेष पूजा स्थानीय मंदिरों में या विशेषज्ञ पुरोहित के साथ करना उपयुक्त होता है।
7. केतु की दिनचर्या
शुक्रवार के दिन आपकोनाधिक सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि यह दिन केतु के विशेष दिनों में बसे एक होता है।
8. नीला कपड़ा धारण
नीला कपड़ा धारण सबसे आसान उपयोग होता है। ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्त होने के लिए किया जा सकता है।
9. अच्छे कर्मों में लगना
हमेशा दूसरों कि मदद करे, और अच्छे कर्म करे जिससे कि केतु ग्रह आप प्र अच्छे प्रभाव डाले।
10. प्राकृतिक उपाय
केतु के अच्छे प्रभाव के लिए प्राकृतिक उपायों यह हैकि केतु से जुड़े वन्यजीव जंतुओं के साथ अच्छा व्यवहार करे, और उन्हें खाना खिलाते।
के प्रयोग का आत्म-समर्पण करना भी एक उपाय हो सकता है।
ये उपाय व्यक्तिगत परिस्थितियों और व्यक्ति कि जन्मकुंडली के आधार पर निर्भर कर सकती है, इसलिए सुनिश्चित कर लें आपको इसके सही सलाह और उपाय मिल सके।
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