अघोरेभ्यो मंत्र हिंदी में|Om Aghorebhyo Mantra in Hindi

अघोरेभ्यो मंत्र: दोस्तों एक ऐसा बेहद ही शक्तिशाली मंत्र जिसके बारे में बात करने वाले हैं और वह मंत्र भगवान शिव से जुड़ी हुई है। चूंकि भगवान शिव रुद्र रूप में भी जाने जाते हैं तो इसी से जुड़ी यह अघोरेभ्यो मंत्र है। इस मंत्र में भगवान शिव के अघोर रूप को याद किया गया है। मंत्र का जाप अनेक हवन, अनुष्ठानों में होता है। यह बेहद शक्तिशाली मंत्र मानी गई है, इससे सुरक्षा प्राप्त होती है।

ॐ अघोरेभ्यो मंत्र कैसे सिद्ध करें?

ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोर घोरतरेभ्यः सर्वतः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः !!

Om Aghorebhyo Ath Ghorebhyo Ghor Ghortrebhy Sarvatra Sarv Sarvebhyo Namaste Astu Rudrarupebhy

मंत्र को ध्यान से पढे। उसके बाद शिवाग्नि से बनी हुई भस्म को लगाए।

शिवाग्नि का भस्म बनाने के लिए कुछ चीजों को एकसाथ मिलाकर बनाया जाता है जिसमें गाय का गोबर, बिल्व वृक्ष, शमी, पीपल, पलाश, बड़, बेर की लकडियों को जलाकर बनाया जाता है जिसे शिवाग्नी भस्म कहते है। 

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अघोरा मंत्र के क्या फायदे हैं?

इस अघोरी मंत्र के अनेक फायदे हैं, ये आपको संकट में सहायता करती है। जिससे आपको सुरक्षा मिलती है। साथ ही साथ ऊर्जा भी मिलती है। 

 अघोरी कौन है?

अघोरी शमशान में रहने वाले, भगवान शिव को अपना गुरु मानने वाले होते हैं। 

अघोरी नरभक्षी हैं?

यदि अघोरी के पास कहने को भोजन नहीं होता या फिर वो कुछ दिन से भूखा हो तो वह गंगा में कूद पड़ता है।

अघोरी किसमें विश्वास करते हैं?

अघोरी शमशान में रहते हैं। मृत्यु के दिनचर्या में रहते हैं। भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं। 

नागा साधु और अघोरी में क्या अंतर है?

नागा साधु और अघोरी की अगर बात करें तो दोनों लगते तो एक है पर शायद आपको पता नहीं ये एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हैं। पर दोनों में से एक समानता है क्योंकि दोनों सिर्फ भगवान शिव की पूजा करते हैं। पर नागा साधु अपने गुरु से अखाड़े में शिक्षा लेते हैं। वहीं अघोरी शमशान में। रहते हैं, वहां बैठकर तपस्या करते हैं और भगवान शिव की उपासना करते हैं।

Author: Allinesureya

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