हनुमान जी के 12 नाम, मंत्र और अर्थ:
जब वे सो कर उठे तब उनको जोर की भूख लगी थी जिसके बाद वे सूर्य को निगलने का प्रयास कर रहे थे। सभी के मना करने के बावजूद वे किसी की बातें नहीं मान रहे थे। और जब बाद में उन्हें अपनी ग़लती का अहसास हुआ तब उन्होंने सूर्यदेव को अपना गुरु बना लिए, जिसके बाद वे अपनी शिक्षा सूर्यदेव से प्राप्त कि और विभिन्न विद्याओं में निपुण हुए। वे भगवान राम के प्रिय भक्त भी हैं।
रामायण में माता सीता की खोज में हनुमान जी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और उन्होंने लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लाकर प्राणदान दिए थे। इस प्रकार वे अति बलशाली हैं। उनकी पूजा अर्चना करने से आपके जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है साथ ही आपकी सारी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। भगवान हनुमान की कृपा से भय, शत्रु, और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, मनोबल व आत्मविश्वास बढ़ती है।
S.N. | नाम | मंत्र | अर्थ |
1. | हनुमान (Hanuman) | ॐ श्री हनुमते नमः(Om Shri Hanumate Namah) | हनुमान का अर्थ, जिनकी हनु अर्थात ठोड़ी में दरार हों। |
2. | वायुपुत्र (Vayu Putra) | ॐ वायुपुत्राय नमः (Om Vayuputraya Namah) | जो पवनदेव के पुत्र हैं। |
3. | अंजनीसुत (Anjani Suta) | ॐ अञ्जनी सुताय नमः(Om Anjani Sutaya Namah) | माता अंजनी के पुत्र |
4. | उदधिक्रमण (Uddhikraman) | ॐ उदधिक्रमणाय नमः (Om Udadhikramanaya Namah) | जो एक छलांग से समुद्र पार करे। |
5. | लक्ष्मणप्राणदाता (Laxman Praan Daata) | ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः (Om Lakshmanapranadatre Namah) | जो लक्ष्मण के प्राणों को वापस लाए। |
6. | महाबल (Mahabal) | ॐ महाबलाय नमः (Om Mahabalaya Namah) | जो अति बलशाली हो। |
7. | रामेष्ट (Raamesht) | ॐ रामेष्ठाय नमः (Om Rameshthaya Namah) | जो भगवान श्रीराम के अति प्रिय हो। |
8. | अमितविक्रम (Amit Vikram) | ॐ अमितविक्रमाय नमः (Om Amitavikramaya Namah) | जो असीम वीरता का मालिक है। |
9. | उद्धिक्रमण (Uddhikraman) | ॐ उद्धिक्रमणय नमः (Om Uddhikramanaya Namah) | जो समुद्र का भी अतिक्रमण करे। |
10. | फाल्गुनसखा (Phalgun Sakh) | ॐ फाल्गुण सखाय नमः (Om Phalguna Sakhaya Namah) | जो अर्जुन का मित्र है। |
11. | पिंगाक्ष (Pingaksh) | ॐ पिंगाक्षाय नमः (Om Pingakshaya Namah) | जिसकी आंखें सुनहरी हो। |
12. | दशग्रीवदर्पहा (Dasgreev Darpha) | ॐ दशग्रीवस्य दर्पाय नमः (Om Dashagrivasya Darpaya Namah) | दस सिरो वाले रावण का नाश करने वाला। |
हनुमान जी के 12 नाम का जाप कैसे करें?
हनुमान जी के ये 12 नाम बहुत चमत्कारी है। आपको यह नाम जीवन की हर कठिनाई से निकलने में सहायक होते हैं। पर इनका जाप आपको नियमित करनी होगी। इससे हर कार्य में सफलता मिलती है। आप जब चाहें इनका जाप कर सकते हैं, सुबह, शाम या दोपहर में या फिर सोने जाने से पहले। बिस्तर पर बैठ कर भी आप जाप कर सकते हैं।
हनुमान जी में कितनी पावर थी?
दोस्तों हम सभी जानते हैं कि हनुमान जी बहुत ही बलशाली हैं, पर उनमें कितने बल है ये नहीं जानते। तो मै आपको बता दूं कि हनुमान जी के अंदर सौ हाथियों के बराबर का बल मौजूद थी। और जब भीम की अभिमान को तोड़ने की बारी आई तो भगवान श्री कृष्ण ने हनुमानजी को ही भेजा था।
के लिए
हनुमान जी का सबसे बड़ा शत्रु कौन है?
कालनेमि एक राक्षस था, जो मारीच का पुत्र था। इसका उल्लेख हिंदू महाकाव्य रामायण के विभिन्न रूपांतरणों में है। इसे रावण ने अपने स्वार्थ के लिए हनुमान को मारने का आज्ञा दिया था।
हनुमान जी किसका रूप है?
भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार हनुमान जी हैं। जिस स्वरूप की पूजा नहीं होती है। जिसका मतलब है कि हनुमान जी शिव जी के अंश हैं।
One name is repeated.
There are only 11 names given.
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