Panchamrit For Puja|फायदे|सामग्री|पांच तत्व

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Panchamrit For Puja: पंचामृत को प्रमुख पूजा सामग्री माना जाता है। जिसका उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है। इसे अमृत के बराबर माना गया है जिस कारण इसका नाम पंचामृत है। यह पांच प्रकार के सामग्री से मिलकर बना होता है। 

1. दूध (दूध या दही)

2. घी 

3. शहद 

4. गंगाजल (या किसी अन्य पवित्र नदी का जल)

5. तुलसी का पत्ता 

ये पाँच सामग्री एक साथ मिलाकर पंचामृत बनाते हैं। जिसका उपयोग अक्सर अनेक पूजा में देखा जा सकता है। पंचामृत  हवन अथवा यज्ञ में इसका विशेष महत्व है। 

पंचामृत को पूजा में चढ़ाया जाता है तथा पूजा समापन के समय भक्तों को प्रसाद के रूप में भी दिया जाता है। जिसका प्रतीक है कि भगवान की कृपा और उनका आशीर्वाद आपको दिया जा रहा है।

पंचामृत का अर्थ क्या है?

पंचामृत एक पवित्र पेय है, जिसका संस्कृत शब्द है, पांच प्रकार के अमृत। जैन पूजा और अभिषेक में इसका विशेष उपयोग होता है। और पूजा अनुष्ठान के बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। 

पंचामृत क्यों प्रसिद्ध है?

पंचामृत एक पवित्र पेय पदार्थ है जो कि एक अमृत के समान होता है। क्योंकि ये 5 सामग्रियों से मिलकर बना होता है जिसका उपयोग पूजा में किया जाता है। जिस कारण भक्त इसका सेवन कर के पवित्र महसूस करते हैं। वे स्वयं को भगवान के करीब पाते हैं, इसलिए पंचामृत प्रसिद्ध है।

पंचामृत कब खाना चाहिए?

आप किसी भी त्योहार या पूजा पाठ के दौरान मिलने वाले  पंचामृत का सेवन कर सकते हैं। इससे किसी को भी कोई परहेज नहीं होता है। फिर चाहे वे कोई गर्भवती महिला ही क्यों ना हो। यह अमृत सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है।

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क्या हम रोज पंचामृत खा सकते हैं?

हां, जो भी लोग पंचामृत को हर दिन खाना चाहते है तो वे इसे हर रोज खा सकते हैं। यह एक प्रकार का दिव्य औषधि का रूप है। यह शरीर में पोषण देता है। यह एक संपूर्ण आहार होता है जो पूरे शरीर मे फिटनेस देता है जिससे शरीर को फायदा मिलता है।

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पंचगव्य और पंचामृत में क्या अंतर है?

पंचामृत पांच चीजों के मिश्रण से बनी है। दूध-दही, घी, शहद, तुलसी पत्ता, गंगाजल इत्यादि। 

वहीं पंचगव्य बनाने के लिए दूध-दही, घी, शहद, तुलसी पत्ता, गंगाजल नहीं बल्कि गौ मूत्र और गोबर का उपयोग किया जाता है। जिसके मिश्रण से पंचगव्य बनता है। पंचगव्य विशेष और बड़े अनुष्ठान में ही उपयोग किया जाता है, जैसे श्रीमद्भागवत महापुराण के अवसर पर। 

Author: Allinesureya

5 thoughts on “Panchamrit For Puja|फायदे|सामग्री|पांच तत्व

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