श्री राम मंदिर अयोध्या की पूरी जानकारी|Ram Mandir Ayodhya ka Rahasya
अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित प्राचीन नगर होने के साथ साथ राम मंदिर सहित प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है। जिसे भगवान राम के लिए समर्पित किया गया है। अयोध्या के कोसी नदी के किनारे एक शहर है जो कि भारतीय सांस्कृतिक और उसके धार्मिक इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण शहर है। जो भगवान राम की राजधानी थी। जिसका इतिहास रामायण काल में विशेष रूप से भगवान रम के लिए प्रसिद्ध हुआ।
भगवान राम का जन्म कब हुआ था?
भारतीय कैलेंडर के अनुसार भगवान श्री राम के जन्म का समय चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच है। वेदों की माने तो वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान के अनुसार, तारामंडल सॉफ्टवेयर ने भगवान राम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व अयोध्या में कहा गया है।
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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कब हुआ?
अयोध्या में राम मंदिर की निर्माण की शुरुआत के लिए 5 अगस्त 2020 को किया गया था। जिसकी शुरुआत भूमिपूजन से हुईं। अब अयोध्या में राम लल्ला के उद्घाटन का समय 22 जनवरी 2024 को निर्धारित किया गया है।
राम मंदिर में कितना काम हो चुका है?
अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य का 70 प्रतिशत काम हुआ पूरा हो चुका है।
सीता जी के भाई का नाम क्या था?
सीता के भाई का नाम क्या था? यह सवाल सभी के मन में आता है, क्योंकि माता सीता की बहनों को जिक्र हमने रामायण में देखा ही है। अब जान लेते हैं उनके भाई के बारे में तो माता सीता के भाई का नाम मंगलदेव था । जैसा कि हम सभी जानते है देवी सीता का जन्म पृथ्वी से हुआ था ठीक उसकी प्रकार उनके भाई मंगलदेव जी भी पृथ्वी के पुत्र थे।
राम का सगा भाई कौन था?
शत्रुघ्न को राजा दशरथ के सबसे छोटे पुत्र माना गया। जिनकी माता थी माता सुमित्रा। जिनके भाई राम, भरत, और लक्ष्मण थे, वहीं शत्रुघ्न और लक्ष्मण दोनों ही जुड़वा भाई थे।
भगवान श्रीराम का मामा गांव कौन सा है?
भगवान श्री राम जी का मामा का गांव दक्षिण कोसल वर्तमान में (छत्तीसगढ़) में स्थित है। यह छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से 40 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव में है। जो माता कौशल्या की भी जन्म स्थली मानी जाता है।
माता सीता कौन सी जाति की थी?
जैसे कि हमने न्यूज में काफी सुना है कि माता सीता नेपाल से थी। फिल्म अदीपुरूष की के समय भी हमने खूब सुना इस बारे में। और अब जब राम लल्ला का प्राण प्रतिष्ठा में भी भगवान रम को उनके ससुराल से खूब सारे गिफ्ट्स भेजे जा रहे है। तो माता सीता नेपाल के मैथिल समाज से आती हैं।
राम जी की कितनी पत्नियां थी?
भगवान श्रीराम की सिर्फ एक पत्नियां थीं, वो माता सीता थी। क्योंकि उन्होंने माता सीता से वचन लिया था कि वे दूसरी कोई और शादी कभी नहीं करेंगे। भगवान श्री राम जी ने इस वचन को बखूबी निभाया। इसलिए भगवान श्री राम की सिर्फ एक ही पत्नी है माता सीता ही थी।
राम जी का गोत्र क्या है?
भगवान श्रीराम के वंश का नाम सूर्यवंश था। और उनके गोत्र “विवस्वान” है।
राम के कितने बच्चे हैं?
भगवान श्री राम के बच्चों की बात करें तो हमने रामायण में अक्सर उनके 2 पुत्रों को देखा है। जिनके नाम लव और कुश है। तो भगवान श्री राम के सिर्फ 2 पुत्र है।
भगवान राम की मृत्यु कब हुई?
भगवान श्रीराम जल समाधि के लिए सरजू नदी पर जा कर विष्णु अवतार ले कर बैकुंठ धम चले गए। उनकी मृत्यु नहीं हुई थी।
देवी सीता की मृत्यु किस स्थान पर हुई थी?
देवी सीता संत वाल्मिकी के आश्रम में रहती थीं। जो कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल कक्षेत्रों में एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। इसी वाल्मिकी आश्रम में देवी सीता अपनी इच्छा से पृथ्वी में समा गई थीं।
लक्ष्मण को किसने मारा?
लक्ष्मण जी को किसने नहीं मरा। उन्होंने भी भगवान राम जी की तरह सरयू नदी में जा कर संसार को त्यागने का निर्णय लिया था। क्योंकी दुर्वासा ने उन्हें श्राप दिया था कि तुम जाओ और जीवित ही स्वर्ग में को प्ररस्थन करो। और वे सरयू नदी में जा कर संसार को त्याग दिया।
सीता धरती के नीचे क्यों गई?
जब माता सीता जी वापस अयोध्या आयी तो उन्हे लगा कि लोग उनके विषय में बुरे आरोप लगा रहे हैं। उनके चरित्र पर शक कर रहे है। इस पर प्रभु श्री राम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे। इसलिए माता सीता ने सोचा कि उन्हें अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए धरती माता से अनुरोध किया कि अगर माता सीता का जन्म धरती से ही हुई हो तो धरती मां वहां प्रकट हो और उसे अपने साथ उस स्थान पर लें चलें जहां उसका जन्म हुआ है।
रावण कितने साल जिंदा है?
रावण के उम्र के बारे में कहा जाता है कि भगवान श्रीराम के हाथों अंत होने के। समय तक रावण की आयु लगभग 39000 वर्ष 16 माह और 9 दिन कि रही होगी।
राम मंदिर का विवाद क्या है?
अयोध्या विवाद एक ऐसा विवाद है जो राजनीतिक से लेकर ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक विवाद बन चुका था जो सबसे ज्यादा नब्बे के दशक में देखने को मिला था। जिस पे यह सबसे ज्यादा उभरा था। जिस का मूल मुद्दा श्री जी के जन्मभूमि से था। बाबरी मस्जिद स्थिति होने के कारण यह ज्यादा पेचीदा होता जा रहा था। उस जगह हिंदू मंदिर को ध्वस्त कर के उसकी जगह वहां मस्जिद बनाया गया था।
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